इज़्ज़त के लिए अपनी ये समझौते किए जा
आँसू जो उमड आते हैं आँखों में पिए जा
अल्लाह तुझे भूकी निगाहों से बचाए
ऐ बेसवा तू अपने गरेबाँ को सिए जा
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Rahat Indori
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Wasi Shah
Anwar Masood
Habib Jalib
Allama Iqbal
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समुंदर सर पटक कर मर रहा था
इश्क़ झेला है तो चेहरा ज़र्द होना चाहिए
कैसे आता है दबे पाँव गुनाहों का ख़याल
बग़ैर नक़्शे के सारे मकान लगते हैं
मा'सूमा
या तो तारीख़ की अज़्मत से लिपट कर सो जा
मिरा रोता बच्चा बहलता था जिस से
किस अनमोल पशेमानी की दौलत है इन आँखों में
याद
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
बटन
गर्म हवा