अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
दूसरी औरत पहली जैसी कब होती है
Anwar Masood
Allama Iqbal
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बटन
टेढ़ी लकीर
ये दिल माँगे मोर
चौथी का जोड़ा
हिन्दोस्तान छोड़ दो
गर्म हवा
लिहाफ़
उस की हर बात ने जादू सा किया था पहले
दिया जला के कोई चाँद पर रखा होगा
समुंदर सर पटक कर मर रहा था
ख़िज़ाँ में चीनी चाय की दावत