एयर-होस्टेस
मिरी मेज़बाँ ने
हवाई सफ़र में
चमक अपनी आँखों में लाते हुए
बा-ज़बान-ए-ख़मोशी ये मुझ से कहा था
हवाई मुसाफ़िर
ज़मीं पर नहीं हम
ख़ला का सफ़र है दरीचे न खोलो
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मिरी मेज़बाँ ने
हवाई सफ़र में
चमक अपनी आँखों में लाते हुए
बा-ज़बान-ए-ख़मोशी ये मुझ से कहा था
हवाई मुसाफ़िर
ज़मीं पर नहीं हम
ख़ला का सफ़र है दरीचे न खोलो
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