Ghazals of Fay Seen Ejaz
नाम | फ़े सीन एजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Fay Seen Ejaz |
जन्म स्थान | Delhi |
या तो तारीख़ की अज़्मत से लिपट कर सो जा
उस की हर बात ने जादू सा किया था पहले
उम्र भर एक सी उलझन तो नहीं बन सकते
समुंदर सर पटक कर मर रहा था
मिरे घर की ईंटें चुरा ले गया वो
कोई आँख चुपके चुपके मुझे यूँ निहारती है
ख़र्च जब हो गई जज़्बों की रक़म आप ही आप
इश्क़ झेला है तो चेहरा ज़र्द होना चाहिए
घर की मुश्किल कोई हल चाहती है
ग़म दुनिया के याद जब आएँ उस की याद भी आने दो
दिया जला के कोई चाँद पर रखा होगा
बग़ैर नक़्शे के सारे मकान लगते हैं
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर दे
आइने रूप चुरा लेंगे उधर मत देखो