फ़े सीन एजाज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़े सीन एजाज़
नाम | फ़े सीन एजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Fay Seen Ejaz |
जन्म स्थान | Delhi |
टेढ़ी लकीर
मा'सूमा
लिहाफ़
हिन्दोस्तान छोड़ दो
गर्म हवा
चौथी का जोड़ा
तुझ को मंज़ूर नहीं मुझ को है अब भी मंज़ूर
मिल रही है मुझे ना-कर्दा गुनाहों की सज़ा
मिरा रोता बच्चा बहलता था जिस से
मैं कहाँ आया हूँ लाए हैं तिरी महफ़िल में
कोई तो ज़िद में ये आ कर कभी कहे हम से
किस अनमोल पशेमानी की दौलत है इन आँखों में
कैसे आता है दबे पाँव गुनाहों का ख़याल
जो मरा है हादसे में मिरा उस से क्या था रिश्ता
इश्क़ किया तो अपनी ही नादानी थी
हज़ारों साल की थी आग मुझ में
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
अब के रूठे तो मनाने नहीं आया कोई
ये दिल माँगे मोर
याद
वाईपर
मुआ'फ़ी
ख़िज़ाँ में चीनी चाय की दावत
कॉपीराइट
बटन
अलमिया-ए-नक़्द
एयर-होस्टेस
या तो तारीख़ की अज़्मत से लिपट कर सो जा
उस की हर बात ने जादू सा किया था पहले
उम्र भर एक सी उलझन तो नहीं बन सकते