Ghazals of Fatima Wasia Jayasi
नाम | फ़ातिमा वसीया जायसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fatima Wasia Jayasi |
ज़िंदगी सादा वरक़ पर इक हसीं तहरीर है
यूँ लगा देख के जैसे कोई अपना आया
रौ भटकने लगे जब ख़यालात की
नहीं ख़याल तो फिर इंतिज़ार किस का है
क्या बात थी कि उस को सँवरने नहीं दिया
हाथ में अपने अभी तक एक साग़र ही तो है
इक मुश्त-ए-पर हूँ मुझ को यक़ीनन सुकूँ नहीं
दिल में मोहब्बतों के सिवा और कुछ नहीं
दिल में इस का ख़याल क्यूँ आया
बादशाह-ए-वक़्त कोई और कोई मजबूर क्यूँ
आँसू है क़ीमती जो हमारी पलक में है