Hope Poetry of Fatima Hasan

Hope Poetry of Fatima Hasan
नामफ़ातिमा हसन
अंग्रेज़ी नामFatima Hasan
जन्म की तारीख1953
जन्म स्थानKarachi

सुन रहे हैं कान जो कहते हैं सब

कब उस की फ़त्ह की ख़्वाहिश को जीत सकती थी

अधूरे लफ़्ज़ थे आवाज़ ग़ैर-वाज़ेह थी

ज़ख़्मी उँगलियों से एक नज़्म

यादों के सब रंग उड़ा कर तन्हा हूँ

सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ तो बहाना था

रुका जवाब की ख़ातिर न कुछ सवाल किया

क़ुर्बतों में फ़ासले कुछ और हैं

मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी

मैं टूट कर उसे चाहूँ ये इख़्तियार भी हो

मैं टूट कर उसे चाहूँ ये इख़्तियार भी हो

ख़्वाब गिरवी रख दिए आँखों का सौदा कर दिया

कौन ख़्वाहिश करे कि और जिए

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