भूल गई हूँ किस से मेरा नाता था
और ये नाता कैसे टूटा भूल गई
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रुका जवाब की ख़ातिर न कुछ सवाल किया
कौन ख़्वाहिश करे कि और जिए
जाता है जो घरों को वो रस्ता बदल दिया
मौसम की पहली बारिश
मेरी बेटी चलना सीख गई
कब उस की फ़त्ह की ख़्वाहिश को जीत सकती थी
ज़ख़्मी उँगलियों से एक नज़्म
सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ तो बहाना था
आँखों में न ज़ुल्फ़ों में न रुख़्सार में देखें
ख़्वाब गिरवी रख दिए आँखों का सौदा कर दिया
उस के प्याले में ज़हर है कि शराब
किस से बिछड़ी कौन मिला था भूल गई