Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d85517ae968bc796864c7ad8ff9f4fe8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी - फ़ातिमा हसन कविता - Darsaal

मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी

मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी

लगी है आग जहाँ भी किसी के घर में लगी

अजीब रक़्स कि वहशत की ताल है जिस में

अजीब ताल जो आसेब के असर में लगी

किवाड़ बंद कहाँ मुंतज़िर थे आहट के

लगी जो देर तो दहलीज़ तक सफ़र में लगी

तमाम ख़्वाब थे वाबस्ता उस के होने से

सो मेरी आँख भी बस साया-ए-शजर में लगी

हिसार-ए-ज़ात नहीं था तिलिस्म-ए-इश्क़ था वो

ख़बर हुई तो मगर देर इस ख़बर में लगी

दहकते रंग थे जो आसमान छूते थे

खिले थे फूल कि इक आग सी शजर में लगी

अधूरे लफ़्ज़ थे आवाज़ ग़ैर-वाज़ेह थी

दुआ को फिर भी नहीं देर कुछ असर में लगी

पलट के देखा तो बस हिजरतें थीं दामन में

अगरचे उम्र यहाँ इक गुज़र-बसर में लगी

परिंद लौट कर आए थे किन ज़मीनों से

कहाँ की धूल थी जो उन के बाल-ओ-पर में लगी

(956) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Meri Zamin Pe Lagi Aap Ke Nagar Mein Lagi In Hindi By Famous Poet Fatima Hasan. Meri Zamin Pe Lagi Aap Ke Nagar Mein Lagi is written by Fatima Hasan. Complete Poem Meri Zamin Pe Lagi Aap Ke Nagar Mein Lagi in Hindi by Fatima Hasan. Download free Meri Zamin Pe Lagi Aap Ke Nagar Mein Lagi Poem for Youth in PDF. Meri Zamin Pe Lagi Aap Ke Nagar Mein Lagi is a Poem on Inspiration for young students. Share Meri Zamin Pe Lagi Aap Ke Nagar Mein Lagi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.