Ghazals of Fatima Hasan
नाम | फ़ातिमा हसन |
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अंग्रेज़ी नाम | Fatima Hasan |
जन्म की तारीख | 1953 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़मीं से रिश्ता-ए-दीवार-ओ-दर भी रखना है
यादों के सब रंग उड़ा कर तन्हा हूँ
सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ तो बहाना था
रुका जवाब की ख़ातिर न कुछ सवाल किया
रूह की माँग है वो जिस्म का सामान नहीं
क़ुर्बतों में फ़ासले कुछ और हैं
नहीं समझी थी जो समझा रही हूँ
मिरी ज़मीं पे लगी आप के नगर में लगी
मैं टूट कर उसे चाहूँ ये इख़्तियार भी हो
मैं टूट कर उसे चाहूँ ये इख़्तियार भी हो
क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं
किस से बिछड़ी कौन मिला था भूल गई
ख़्वाब गिरवी रख दिए आँखों का सौदा कर दिया
ख़ुशबू है और धीमा सा दुख फैला है
कौन ख़्वाहिश करे कि और जिए
कहो तो नाम मैं दे दूँ इसे मोहब्बत का
जिन ख़्वाहिशों को देखती रहती थी ख़्वाब में
जिन ख़्वाहिशों को देखती रहती थी ख़्वाब में
जाता है जो घरों को वो रस्ता बदल दिया
बिखर रहे थे हर इक सम्त काएनात के रंग
आँखों में न ज़ुल्फ़ों में न रुख़्सार में देखें