फ़ातिमा हसन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ातिमा हसन
नाम | फ़ातिमा हसन |
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अंग्रेज़ी नाम | Fatima Hasan |
जन्म की तारीख | 1953 |
जन्म स्थान | Karachi |
उस के प्याले में ज़हर है कि शराब
उलझ के रह गए चेहरे मिरी निगाहों में
ठेस कुछ ऐसी लगी है कि बिखरना है उसे
सुनती रही मैं सब के दुख ख़ामोशी से
सुन रहे हैं कान जो कहते हैं सब
सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ तो बहाना था
रात दरीचे तक आ कर रुक जाती है
पूरी न अधूरी हूँ न कम-तर हूँ न बरतर
पहचान जिन से थी वो हवाले मिटा दिए
मकाँ बनाते हुए छत बहुत ज़रूरी है
मैं ने पहुँचाया उसे जीत के हर ख़ाने में
मैं ने माँ का लिबास जब पहना
क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं
कोई नहीं है मेरे जैसा चारों ओर
कितने अच्छे लोग थे क्या रौनक़ें थीं उन के साथ
ख़्वाबों पर इख़्तियार न यादों पे ज़ोर है
कब उस की फ़त्ह की ख़्वाहिश को जीत सकती थी
हमारी नस्ल सँवरती है देख कर हम को
दिखाई देता है जो कुछ कहीं वो ख़्वाब न हो
बिछड़ रहा था मगर मुड़ के देखता भी रहा
भूल गई हूँ किस से मेरा नाता था
बहुत गहरी है उस की ख़ामुशी भी
और कोई नहीं है उस के सिवा
अधूरे लफ़्ज़ थे आवाज़ ग़ैर-वाज़ेह थी
आँखों में न ज़ुल्फ़ों में न रुख़्सार में देखें
ज़ख़्मी उँगलियों से एक नज़्म
वो इक लम्हा
नज़्म
मेरी बेटी चलना सीख गई
मौसम की पहली बारिश