हर एक आँख में आँसू हर एक लब पे फ़ुग़ाँ
ये एक शोर-ए-क़यामत सा कू-ब-कू क्या है
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ये वो सफ़र है जहाँ ख़ूँ-बहा ज़रूरी है
लटकाई दीवार पे किस ने हातिम की तस्वीर
ग़ुबार-ए-तंग-ज़ेहनी सूरत-ए-ख़ंजर निकलता है
किताबों से न दानिश की फ़रावानी से आया है
अब किसी और का तुम ज़िक्र न करना मुझ से
दे गया लिख कर वो बस इतना जुदा होते हुए
मुनव्वर जिस्म-ओ-जाँ होने लगे हैं
उस की दीवार पे मनक़ूश है वो हर्फ़-ए-वफ़ा
प्यार जादू है किसी दिल में उतर जाएगा
मुज़्तरिब दिल की कहानी और है
जिन्हें तारीख़ भी लिखते डरेगी