अब किसी और का तुम ज़िक्र न करना मुझ से
अब किसी और का तुम ज़िक्र न करना मुझ से
वर्ना इक ख़्वाब जो आँखों में है मर जाएगा
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अब किसी और का तुम ज़िक्र न करना मुझ से
वर्ना इक ख़्वाब जो आँखों में है मर जाएगा
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