Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_111a3fe9f91d461c7d5d158e98161d46, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया - फ़रियाद आज़र कविता - Darsaal

अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया

अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया

मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़त्म हो गया

न जाने कौन सी अदा बुरी लगी थी रूह को

बदन का फिर तमाम खेल-कूद ख़त्म हो गया

मुआहदे ज़मीर से तो कर लिए गए मगर

मसर्रतों का दौरा-ए-वफ़ूद ख़त्म हो गया

बदन की आस्तीन में ये रूह साँप बन गई

वजूद का यक़ीं हुआ वजूद ख़त्म हो गया

बस इक निगाह डाल कर मैं छुप गया ख़लाओं में

फिर इस के ब'अद बर्फ़ का जुमूद ख़त्म हो गया

मजाज़ का सुनहरा हुस्न छा गया निगाह पर

खुली जो आँख जल्वा-ए-शुहूद ख़त्म हो गया

(834) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ada Hua Na Qarz Aur Wajud KHatm Ho Gaya In Hindi By Famous Poet Faryad Aazar. Ada Hua Na Qarz Aur Wajud KHatm Ho Gaya is written by Faryad Aazar. Complete Poem Ada Hua Na Qarz Aur Wajud KHatm Ho Gaya in Hindi by Faryad Aazar. Download free Ada Hua Na Qarz Aur Wajud KHatm Ho Gaya Poem for Youth in PDF. Ada Hua Na Qarz Aur Wajud KHatm Ho Gaya is a Poem on Inspiration for young students. Share Ada Hua Na Qarz Aur Wajud KHatm Ho Gaya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.