रंग-ओ-ख़ुशबू का कहीं कोई करे ज़िक्र तो बात
रंग-ओ-ख़ुशबू का कहीं कोई करे ज़िक्र तो बात
घूम फिर कर तिरी पोशाक पे आ जाती है
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रंग-ओ-ख़ुशबू का कहीं कोई करे ज़िक्र तो बात
घूम फिर कर तिरी पोशाक पे आ जाती है
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