हम वफ़ादार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

हम वफ़ादार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

बस तिरे यार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

एक ही सच ने हमें ऐसा किया सर-अफ़राज़

बरसर-ए-दार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

मैं अकेला हूँ मिरी जान के दुश्मन अफ़्लाक

एक दो चार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

नाम सुनते ही मिरा आग-बगूला हो जाएँ

मुझ से बेज़ार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

उम्र भर बात पे क़ाएम रहे 'फ़रताश' कि हम

अहल-ए-किरदार हैं और इस से ज़ियादा क्या हों

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Hum Wafadar Hain Aur Is Se Ziyaada Kya Hon In Hindi By Famous Poet Fartash Syed. Hum Wafadar Hain Aur Is Se Ziyaada Kya Hon is written by Fartash Syed. Complete Poem Hum Wafadar Hain Aur Is Se Ziyaada Kya Hon in Hindi by Fartash Syed. Download free Hum Wafadar Hain Aur Is Se Ziyaada Kya Hon Poem for Youth in PDF. Hum Wafadar Hain Aur Is Se Ziyaada Kya Hon is a Poem on Inspiration for young students. Share Hum Wafadar Hain Aur Is Se Ziyaada Kya Hon with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.