Sad Poetry of Farrukh Jafari
नाम | फ़र्रुख़ जाफ़री |
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अंग्रेज़ी नाम | Farrukh Jafari |
जन्म स्थान | Allahabad |
ऐसा नहीं कि मुँह में हमारे ज़बाँ नहीं
यूँ मुसल्लत तो धुआँ जिस्म के अंदर तक है
था अबस ख़ौफ़ कि आसेब-ए-गुमाँ मैं ही था
तमाम फेंके गए पत्थरों पे भारी था
सोचते रहने से क्या क़िस्मत का लिक्खा जाएगा
किसी बहाने भी दिल से अलम नहीं जाता
कटी पहाड़ सी शब इंतिज़ार करते हुए
जाने क्या ऐसा उसे मुझ में नज़र आया था
इस राज़ के बातिन तक पहुँचा ही नहीं कोई
गो इस सफ़र में थक के बदन चूर हो गया
अबस ही महव-ए-शब-ओ-रोज़ वो दुआ में था