Heart Broken Poetry of Farrukh Jafari
नाम | फ़र्रुख़ जाफ़री |
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अंग्रेज़ी नाम | Farrukh Jafari |
जन्म स्थान | Allahabad |
उसे समझा-बुझा के हम तो हारे
मसअला ये है कि उस के दिल में घर कैसे करें
यूँ मुसल्लत तो धुआँ जिस्म के अंदर तक है
वो ख़ाली हाथ सफ़र-ए-आब पर रवाना हुआ
था अबस ख़ौफ़ कि आसेब-ए-गुमाँ मैं ही था
तमाम फेंके गए पत्थरों पे भारी था
सोचते रहने से क्या क़िस्मत का लिक्खा जाएगा
रौशनी से किस तरह पर्दा करेंगे
राह-ए-गुम-कर्दा सर-ए-मंज़िल भटक कर आ गया
मसअला ये है कि उस के दिल में घर कैसे करें
कोई मौसम हो कुछ भी हो सफ़र करना ही पड़ता है
किसी बहाने भी दिल से अलम नहीं जाता
ख़याल उस का कहाँ से कहाँ नहीं जाता
कटी पहाड़ सी शब इंतिज़ार करते हुए
जाने क्या ऐसा उसे मुझ में नज़र आया था
इस राज़ के बातिन तक पहुँचा ही नहीं कोई
गो इस सफ़र में थक के बदन चूर हो गया
दिल की ये आग बुझा दी किस ने
अबस ही महव-ए-शब-ओ-रोज़ वो दुआ में था