Ghazals of Farooq Shamim
नाम | फ़ारूक़ शमीम |
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अंग्रेज़ी नाम | Farooq Shamim |
जन्म की तारीख | 1953 |
सिलसिले ख़्वाब के अश्कों से सँवरते कब हैं
मैं तो लम्हात की साज़िश का निशाना ठहरा
जो ख़ुद पे बैठे बिठाए ज़वाल ले आए
हर एक लफ़्ज़ में पोशीदा इक अलाव न रख
ग़ज़लों में अब वो रंग न रानाई रह गई
दर्द के चेहरे बदल जाते हैं क्यूँ