फ़ारूक़ शमीम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ारूक़ शमीम
नाम | फ़ारूक़ शमीम |
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अंग्रेज़ी नाम | Farooq Shamim |
जन्म की तारीख | 1953 |
वक़्त इक मौज है आता है गुज़र जाता है
झूट सच में कोई पहचान करे भी कैसे
हिसार-ए-ज़ात से कट कर तो जी नहीं सकते
हैं राख राख मगर आज तक नहीं बिखरे
धूप छूती है बदन को जब 'शमीम'
अपने ही फ़न की आग में जलते रहे 'शमीम'
सिलसिले ख़्वाब के अश्कों से सँवरते कब हैं
मैं तो लम्हात की साज़िश का निशाना ठहरा
जो ख़ुद पे बैठे बिठाए ज़वाल ले आए
हर एक लफ़्ज़ में पोशीदा इक अलाव न रख
ग़ज़लों में अब वो रंग न रानाई रह गई
दर्द के चेहरे बदल जाते हैं क्यूँ