Heart Broken Poetry of Farooq Shafaq
नाम | फ़ारूक़ शफ़क़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Farooq Shafaq |
अपनी लग़्ज़िश को तो इल्ज़ाम न देगा कोई
याद रखते किस तरह क़िस्से कहानी लोग थे
वो अलग चुप है ख़ुद से शर्मा कर
रात काफ़ी लम्बी थी दूर तक था तन्हा मैं
फूलों को वैसे भी मुरझाना है मुरझाएँगे
पौ फटी एक ताज़ा कहानी मिली
कोई भी शख़्स न हंगामा-ए-मकाँ में मिला
खिड़कियों पर मल्गजे साए से लहराने लगे
होने वाला था इक हादसा रह गया
दुनिया क्या है बर्फ़ की इक अलमारी है
छाँव की शक्ल धूप की रंगत बदल गई
बहुत धोका किया ख़ुद को मगर क्या कर लिया मैं ने
आँधियों का ख़्वाब अधूरा रह गया