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Farooq Muztar Heart Broken In Hindi - Best Heart Broken Of Farooq Muztar Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Heart Broken Poetry of Farooq Muztar

Heart Broken Poetry of Farooq Muztar
नामफ़ारूक़ मुज़्तर
अंग्रेज़ी नामFarooq Muztar

तआ'क़ुब

शहर

सब्ज़ आग़ाज़ से सुर्ख़ अंजाम तक

अंधा सफ़र

यूँ हुजरा-ए-ख़याल में बैठा हुआ हूँ मैं

ये गर्द-ए-राह ये माहौल ये धुआँ जैसे

उजले माथे पे नाम लिख रक्खें

सोच भी उस दिन को जब तू ने मुझे सोचा न था

शफ़क़-ए-शब से उभरता हुआ सूरज सोचें

सलीब-ए-मौजा-ए-आब-ओ-हवा पे लिक्खा हूँ

क़ुर्बतें बढ़ गई निगाहों की

नक़्श आख़िर आप अपना हादिसा हो जाएगा

न पानियों का इज़्तिरार शहर में

मैं ताइर-ए-वजूद या बर्ग-ए-ख़याल था

मगर इन आँखों में किस सुब्ह के हवाले थे

हर नए मोड़ धूप का सहरा

अपनी आँखों के हिसारों से निकल कर देखना

फ़ारूक़ मुज़्तर Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by फ़ारूक़ मुज़्तर. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by फ़ारूक़ मुज़्तर. Share the फ़ारूक़ मुज़्तर Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.