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Farooq Banspari Poetry In Hindi - Best Farooq Banspari Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

फ़ारूक़ बाँसपारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ारूक़ बाँसपारी

फ़ारूक़ बाँसपारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ारूक़ बाँसपारी
नामफ़ारूक़ बाँसपारी
अंग्रेज़ी नामFarooq Banspari
जन्म की तारीख1907
मौत की तिथि1968

यक़ीं मुझे भी है वो आएँगे ज़रूर मगर

सितारों से शब-ए-ग़म का तो दामन जगमगा उठ्ठा

नदीम तारीख़-ए-फ़तह-ए-दानिश बस इतना लिख कर तमाम कर दे

मिरी ज़िंदगी का महवर यही सोज़-ओ-साज़-ए-हस्ती

मिरे नाख़ुदा न घबरा ये नज़र है अपनी अपनी

किसी की राह में 'फ़ारूक़' बर्बाद-ए-वफ़ा हो कर

ग़म-ए-इश्क़ ही ने काटी ग़म-ए-इश्क़ की मुसीबत

अल्लाह के बंदों की है दुनिया ही निराली

तुम्हारे क़स्र-आज़ादी के मेमारों ने क्या पाया

कोहसार का ख़ूगर है न पाबंद-ए-गुलिस्ताँ

ख़ुशी से फूलें न अहल-ए-सहरा अभी कहाँ से बहार आई

कभी बे-नियाज़-ए-मख़्ज़न कभी दुश्मन-ए-किनारा

जो रहा यूँ ही सलामत मिरा जज़्ब-ए-वालहाना

दिल-ए-ईज़ा-तलब ले तेरा कहना कर लिया मैं ने

ब-रोज़-ए-हश्र मिरे साथ दिल-लगी ही तो है

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