Love Poetry of Farooq Bakshi

Love Poetry of Farooq Bakshi
नामफ़ारूक़ बख़्शी
अंग्रेज़ी नामFarooq Bakshi

वो चाँद-चेहरा सी एक लड़की

वो बस्ती याद आती है

शिकायत

शहर-ए-दोस्त

कभी आओ

जब हम पहली बार मिले थे

ये सौदा इश्क़ का आसान सा हे

वो न आएगा यहाँ वो नहीं आने वाला

वो ख़ुद अपना दामन बढ़ाने लगे

मशवरा किस ने दिया था कि मसीहाई कर

महकते लफ़्ज़ों में शामिल है रंग-ओ-बू किस की

ख़ुदा करे कि ये मिट्टी बिखर भी जाए अब

जली हैं दर्द की शमएँ मगर अंधेरा है

बिछड़ना मुझ से तो ख़्वाबों में सिलसिला रखना

फ़ारूक़ बख़्शी Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by फ़ारूक़ बख़्शी. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by फ़ारूक़ बख़्शी. Share the फ़ारूक़ बख़्शी Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.