ये सौदा इश्क़ का आसान सा हे
ये सौदा इश्क़ का आसान सा हे
ज़रा बस जान का नुक़सान सा है
बहा कर ले गया होश-ओ-ख़िरद को
ये सैल-ए-इश्क़ भी तूफ़ान सा है
वही जो सब के ग़म में घुल रहा है
हमारे हाल से अंजान सा है
ख़ुदा उस को ज़माने से बचाए
अभी ये आदमी इंसान सा है
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