उस के होंटों पे बद-दुआ' भी नहीं

उस के होंटों पे बद-दुआ' भी नहीं

अब मिरे वास्ते सज़ा भी नहीं

लफ़्ज़ ख़ामोशियों का पर्दा हैं

बोलता है वो बोलता भी नहीं

मैं ने फूलों को खिलते देखा है

उस ने होंटों से कुछ कहा भी नहीं

एक मुद्दत से साथ हूँ अपने

और मैं ख़ुद को जानता भी नहीं

हादसे आम हो गए इतने

मुड़ के अब कोई देखता भी नहीं

जाने क्यूँ दिल की आँख रोती है

मेरे अंदर कोई मरा भी नहीं

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Uske HonTon Pe Bad-dua Bhi Nahin In Hindi By Famous Poet Farooq Bakshi. Uske HonTon Pe Bad-dua Bhi Nahin is written by Farooq Bakshi. Complete Poem Uske HonTon Pe Bad-dua Bhi Nahin in Hindi by Farooq Bakshi. Download free Uske HonTon Pe Bad-dua Bhi Nahin Poem for Youth in PDF. Uske HonTon Pe Bad-dua Bhi Nahin is a Poem on Inspiration for young students. Share Uske HonTon Pe Bad-dua Bhi Nahin with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.