Hope Poetry of Farooq Anjum
नाम | फ़ारूक़ अंजुम |
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अंग्रेज़ी नाम | Farooq Anjum |
तारे शुमार करते हैं रो रो के रात भर
शहर की फ़सीलों पर ज़ख़्म जगमगाएँगे
सब्ज़ मौसम की रिफ़ाक़त उस का कारोबार है
परिंदे खेत में अब तक पड़ाव डाले हैं
मैं मो'तबर हूँ इश्क़ मिरा मो'तबर नहीं
जब भी मिला वो टूट के हम से मिला तो है