Love Poetry of Farhat Shahzad
नाम | फ़रहत शहज़ाद |
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अंग्रेज़ी नाम | Farhat Shahzad |
जन्म स्थान | U.S.A |
ज़िंदगी कट गई मनाते हुए
सौत क्या शय है ख़ामुशी क्या है
परस्तिश की है मेरी धड़कनों ने
हम से तंहाई के मारे नहीं देखे जाते
ये ज़मीं ख़्वाब है आसमाँ ख़्वाब है
शाम कहती है कोई बात जुदा सी लिक्खूँ
सौत क्या शय है ख़ामुशी क्या है
नहीं है अब कोई रस्ता नहीं है
मैं अपने-आप से बरहम था वो ख़फ़ा मुझ से
हम से तंहाई के मारे नहीं देखे जाते
हयात को तिरी दुश्वार किस तरह करता
दश्त-ए-वहशत ने फिर पुकारा है
आँख को जकड़े थे कल ख़्वाब अज़ाबों के