Sad Poetry of Farhat Nadeem Humayun

Sad Poetry of Farhat Nadeem Humayun
नामफ़रहत नदीम हुमायूँ
अंग्रेज़ी नामFarhat Nadeem Humayun

ये फुर्क़तों में लम्हा-ए-विसाल कैसे आ गया

न दौलत की तलब थी और न दौलत चाहिए है

मोहब्बत का ये रुख़ देखा नहीं था

मसअला आज मिरे इश्क़ का तू हल कर दे

कोई अहद-ए-वफ़ा भूला हुआ हूँ

है वही एक मेरे सिवा और मैं

हाल में जीने की तदबीर भी हो सकती है

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