Hope Poetry of Farhat Kanpuri
नाम | फ़रहत कानपुरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Farhat Kanpuri |
कविताएं
Ghazal 10
Couplets 6
Rubaai 2
Love 9
Sad 11
Heart Broken 10
Bewafa 1
Hope 5
Friendship 2
Islamic 4
Sufi 2
ख्वाब 2
Sharab 1
वो बहकी निगाहें क्या कहिए वो महकी जवानी क्या कहिए
मुँह-बोला बोल जगत का है जो मन में रहे सो अपना है
कुछ तो वुफ़ूर-ए-शौक़ में बाइ'स-ए-इम्तियाज़ हो
जो कुछ भी है नज़र में सो वहम-ए-नुमूद है
इक ख़लिश सी है मुझे तक़दीर से