Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_10840efc21ed4ea0b1abc4b9ed2904d2, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तहरीर की फ़ुर्सत - फ़रहत एहसास कविता - Darsaal

तहरीर की फ़ुर्सत

डाकिया सारे जहाँ की ख़बरें

ले कर आता है मगर मेरे लिए

कितनी आवाज़ें मिरे साथ चला करती हैं

कभी माँ बाप के रोने की सदा

कभी अहबाब के फटते हुए जूतों की दुखन

कभी दुनिया के चटख़ते हुए आज़ा की पुकार

सुब्ह-ता-शाम वही एक शब का आहंग

दर ओ दीवार पे उड़ती हुई राहों का ग़ुबार

राख-दानी में वही सैकड़ों सोचों का धुआँ

चाय की प्यालियाँ फेंके हुए लम्हात को लिपटाए हुए

शेल्फ़ में दुबके हुए ज़ेहन के ना-पोख़्ता-नुक़ूश

मेज़ पर निस्फ़ ख़तों का अम्बार

कौन जाने उन्हें तहरीर की फ़ुर्सत कब हो?

(888) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tahrir Ki Fursat In Hindi By Famous Poet Farhat Ehsas. Tahrir Ki Fursat is written by Farhat Ehsas. Complete Poem Tahrir Ki Fursat in Hindi by Farhat Ehsas. Download free Tahrir Ki Fursat Poem for Youth in PDF. Tahrir Ki Fursat is a Poem on Inspiration for young students. Share Tahrir Ki Fursat with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.