Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_774e54d23399600a4b7a4ac9719aa153, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सुकूत - फ़रहत एहसास कविता - Darsaal

सुकूत

मैं जब भी सोचता हूँ अपने बारे में

कोई क़ुव्वत मुझे मेरे मुख़ालिफ़ खींचती है

मुझे महसूस होता है

मेरा हर उज़्व

मरकज़ से बग़ावत कर चुका है

ख़ून के दौरान के हम-राह

बकतर-बंद गाड़ी में

मुसल्लह फ़ौजियों के साथ

कोई क़ैद हो कर जा रहा है

खुल गए हैं सब मशाम-ए-जाँ के फाटक

खड़ी हैं सर झुकाए सफ़-ब-सफ़

हारे हुए अल्फ़ाज़ की फ़ौजें

कोई इस शहर की तहज़ीब ले कर जा रहा है

(767) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sukut In Hindi By Famous Poet Farhat Ehsas. Sukut is written by Farhat Ehsas. Complete Poem Sukut in Hindi by Farhat Ehsas. Download free Sukut Poem for Youth in PDF. Sukut is a Poem on Inspiration for young students. Share Sukut with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.