Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3c8cb7db4aff759a2f50d9a78fde9182, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
किस सलीक़े से वो मुझ में रात-भर रह कर गया - फ़रहत एहसास कविता - Darsaal

किस सलीक़े से वो मुझ में रात-भर रह कर गया

किस सलीक़े से वो मुझ में रात-भर रह कर गया

शाम को बिस्तर सा खोला सुब्ह को तह कर गया

वक़्त-ए-रुख़्सत था हमारे बाहर अंदर इतना शोर

कुछ कहा था उस ने लेकिन जाने क्या कह कर गया

क़त्ल होते सब ने देखा था भरे बाज़ार में

ये न देखा ख़ूँ मिरा किस की तरफ़ बह कर गया

डूबना ही था सो डूबा चाँद उस के वस्ल का

रात को लेकिन हमेशा की शब मुहय्या कर गया

सिर्फ़ मिट्टी हो के रहने में तहफ़्फ़ुज़ है यहाँ

जिस ने कोशिश की मकाँ होने की बस ढह कर गया

चाल जब भी मिल नहीं पाई ज़मीं की चाल से

कैसा कैसा सर-बुलंद आया था और ढह कर गया

दुख का आईना उलट देता है हर 'एहसास' को

ख़ुश गया इतना ही कोई जितने दुख सह कर गया

(907) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kis Saliqe Se Wo Mujh Mein Raat-bhar Rah Kar Gaya In Hindi By Famous Poet Farhat Ehsas. Kis Saliqe Se Wo Mujh Mein Raat-bhar Rah Kar Gaya is written by Farhat Ehsas. Complete Poem Kis Saliqe Se Wo Mujh Mein Raat-bhar Rah Kar Gaya in Hindi by Farhat Ehsas. Download free Kis Saliqe Se Wo Mujh Mein Raat-bhar Rah Kar Gaya Poem for Youth in PDF. Kis Saliqe Se Wo Mujh Mein Raat-bhar Rah Kar Gaya is a Poem on Inspiration for young students. Share Kis Saliqe Se Wo Mujh Mein Raat-bhar Rah Kar Gaya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.