जिस तरह पैदा हुए उस से जुदा पैदा करो
जिस तरह पैदा हुए उस से जुदा पैदा करो
ख़ुद को अपनी ख़ाक से बिल्कुल नया पैदा करो
शहर के इन आइना-ख़ानों में फिरना है फ़ुज़ूल
चाहिए चेहरा तो अपना आइना पैदा करो
यार सज्दों का भी कुछ मेआ'र होना चाहिए
पहले जा कर ढंग का कोई ख़ुदा पैदा करो
इस हुजूम-ए-शहर में उस तक पहुँचना है मुहाल
अब तो अंदर ही से कोई रास्ता पैदा करो
ताकि इक घर में रहे तो दूसरा महफ़िल में हो
'फ़रहत-एहसास' अपने जैसा दूसरा पैदा करो
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