बा-मा'नियों से बच के मोहमल की राह पकड़ी
बा-मा'नियों से बच के मोहमल की राह पकड़ी
हम ने बिल-आख़िर अपने जंगल की राह पकड़ी
दिल से दिमाग़ तक सब उलझा हुआ पड़ा था
आख़िर हुए दिवाने और हल की राह पकड़ी
उस सम्त में जो देखी कुछ तेज़ रौशनी सी
फिर तीरगी-ए-ख़ूँ ने मक़्तल की राह पकड़ी
तुम को लिए फिरेगा 'एहसास' जंगलों में
तुम ने भी यार कैसे पागल की राह पकड़ी
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