ज़िक्र-ए-शब के सईद हो गए क्या

ज़िक्र-ए-शब के सईद हो गए क्या

सहर-साए बईद हो गए क्या

दर्द कुन से कशीद हो गए क्या

ख़्वाब शब से ख़रीद हो गए क्या

ज़िंदगी क्यूँ है लर्ज़ा-बर-अंदाम

ज़लज़ले भी शदीद हो गए क्या

कोई बाक़ी नहीं तिलिस्म-ए-जमाल

इश्क़ वाले शहीद हो गए क्या

अदब-आदाब के ज़माने गए

सिलसिले कुछ मज़ीद हो गए क्या

हिज्र हिजरत मलाल ग़म आसार

ज़िंदगी की नवेद हो गए क्या

न कोई मस्लहत न बेबाकी

फ़र्द 'फ़रहत' फ़रीद हो गए क्या

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Zikr-e-shab Ke Said Ho Gae Kya In Hindi By Famous Poet Farhat Abbas. Zikr-e-shab Ke Said Ho Gae Kya is written by Farhat Abbas. Complete Poem Zikr-e-shab Ke Said Ho Gae Kya in Hindi by Farhat Abbas. Download free Zikr-e-shab Ke Said Ho Gae Kya Poem for Youth in PDF. Zikr-e-shab Ke Said Ho Gae Kya is a Poem on Inspiration for young students. Share Zikr-e-shab Ke Said Ho Gae Kya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.