Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7d5c30793332eb19c899b89efcf1c6f8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मैं तिरे संग कैसे चलूँ हम-सफ़र तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा - फ़रहान सालिम कविता - Darsaal

मैं तिरे संग कैसे चलूँ हम-सफ़र तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

मैं तिरे संग कैसे चलूँ हम-सफ़र तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

तू कहाँ मैं कहाँ अल-अमाँ अल-हज़र तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

तुझ से है सब ये हुस्न-ए-जहाँ मो'तबर तुझ को सज्दे करे कहकशाँ सर ब-सर

तू हरीम-ए-क़मर मैं हज़ीन-ए-सहर तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

गाह शोरीदा-सर गाह ख़ामोश-तर तुझ में पोशीदा हैं राज़ सब बस्ता-सर

तेरे लाल-ओ-गुहर और मैं ख़ाक-सर तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

तू बहारों की जा तू लिबास-ए-शजर मैं ख़िज़ाँ की सदा मैं ग़ुबार-ए-सफ़र

तू नुमूद-ए-मतर मैं हदीस-ए-दिगर तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

वुसअत-ए-बे-कराँ मख़ज़न-ए-सीम-ओ-ज़र बे-हद-ओ-बे-निशाँ तेरी हर रह-गुज़र

तू ब-हद्द-ए-नज़र मैं कनार-ए-सफ़र तू समुंदर है मैं साहिलों की हवा

(2384) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Main Tere Sang Kaise Chalun Ham-safar Tu Samundar Hai Main Sahilon Ki Hawa In Hindi By Famous Poet Farhan Salim. Main Tere Sang Kaise Chalun Ham-safar Tu Samundar Hai Main Sahilon Ki Hawa is written by Farhan Salim. Complete Poem Main Tere Sang Kaise Chalun Ham-safar Tu Samundar Hai Main Sahilon Ki Hawa in Hindi by Farhan Salim. Download free Main Tere Sang Kaise Chalun Ham-safar Tu Samundar Hai Main Sahilon Ki Hawa Poem for Youth in PDF. Main Tere Sang Kaise Chalun Ham-safar Tu Samundar Hai Main Sahilon Ki Hawa is a Poem on Inspiration for young students. Share Main Tere Sang Kaise Chalun Ham-safar Tu Samundar Hai Main Sahilon Ki Hawa with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.