फ़रीद परबती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़रीद परबती
नाम | फ़रीद परबती |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Fareed Parbati |
जन्म की तारीख | 1961 |
मौत की तिथि | 2011 |
जन्म स्थान | Srinagar |
तस्कीन-ए-दिल और रूह का आराम पिला
रौशन कभी हो जाएँगे दिन रात मिरे
क़ाएम रखें आसूदा मकाँ हम दोनों
फैली है अजब आग तुझे इस से क्या
ख़ाशाक-ए-वजूद एक भँवर में रहता
ख़ानों में कई ख़ुद को बट कर आया
जीता हूँ, कहाँ तक मैं जीता ही मरूँ
जब हश्र में हों पेश अमल के दफ़्तर
होंटों पे दुआ आई मगर आया न तू
हर मसअले की तह में उतरना नहीं ठीक
अक्सर मैं यहाँ मिस्ल-ए-समुंदर आया
ऐ शाह-ए-जुनूँ तेरे इरफ़ाँ को सलाम
तुम्हें भी भूलने की कोशिशें कीं
किसी पे करना नहीं ए'तिबार मेरी तरह
कभी मेरी तलब कच्चे घड़े पर पार उतरती है
'फ़रीद' इक दिन सहारे ज़िंदगी के टूट जाएँगे
बगूला बन के उड़ा ख़्वाहिशों के सहरा में
तमन्ना अपनी उन पर आश्कारा कर रहा हूँ मैं
सिकंदर हूँ तलाश-ए-आब-ए-हैवाँ रोज़ करता हूँ
रग-ओ-पै में सरायत कर गया वो
किसी पे करना नहीं ए'तिबार मेरी तरह
हमा-जिहत मिरी तलब जिस की मिसाल अब नहीं