Sad Poetry of Fareed Ishrati
नाम | फ़रीद इशरती |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Fareed Ishrati |
तक़ाज़ा
सहर होने तक
काग़ज़ के फूल
जब तमन्नाएँ मुस्कुराती हैं
ग़म का बादल
फ़नकार और मौत
छिपकिली
बे-बाक अँधेरे
कुछ उन की जफ़ा उन का सितम याद नहीं है
जला के दामन-ए-हस्ती का तार तार उठा
है दाग़ दाग़ मिरा दिल मगर मलूल नहीं
दिल में शगुफ़्ता गुल भी हैं रौशन चराग़ भी