Ghazals of Faraz Sultanpuri
नाम | फ़राज़ सुल्तानपूरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faraz Sultanpuri |
वो अक्स-ए-दिल-ए-आश्ना छोड़ आए
निकल के घर से और मैदाँ में आ के
इक दिल की ख़ातिर इतने तो फ़ित्ने कभी न थे
बिछड़ते दामनों में अपनी कुछ परछाइयाँ रख दो
अश्क-ए-ग़म आँखों ने बरसाया बहुत