Hope Poetry of Farah Iqbal
नाम | फ़रह इक़बाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Farah Iqbal |
जन्म स्थान | Houston TX USA |
ज़रा सी रात ढल जाए तो शायद नींद आ जाए
ज़माना झुक गया होता अगर लहजा बदल लेते
वो मेरे बारे में ऐसे भी सोचता कब था
मोहब्बत का दिया ऐसे बुझा था
मिरे हम-रक़्स साए को बिल-आख़िर यूँही ढलना था
कोई जब मिल के मुस्कुराया था
ख़ुद ही दिया जलाती हूँ
हमें तो साथ चलने का हुनर अब तक नहीं आया
देखा पलट के जब भी तो फैला ग़ुबार था
दर्द का समुंदर है सिर्फ़ पार होने तक