स्कूल-टीचर
स्कूल के हमारे
उस्ताद प्यारे प्यारे
हम को पढ़ा रहे हैं
इंसाँ बना रहे हैं
क्या क्या नहीं सिखाया
यूँ हौसला बढ़ाया
बात अन-सुनी बताई
दुनिया नई दिखाई
की दूर हर बुराई
तहज़ीब भी सिखाई
करना नहीं लड़ाई
होती है जग-हँसाई
होते हैं बाप साया
उन से ये दर्स पाया
तालीम का असर है
ऊँचा हमारा सर है
उन का जो ये अमल है
एहसान-ए-बे-बदल है
उन की करेंगे इज़्ज़त
पाते रहेंगे शफ़क़त
ख़ूबी 'फ़राग़' ने भी
उस्ताद की बयाँ की
(2374) Peoples Rate This