Ghazals of Faragh Rohvi
नाम | फ़राग़ रोहवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faragh Rohvi |
जन्म की तारीख | 1956 |
जन्म स्थान | Kolkata |
यारो हुदूद-ए-ग़म से गुज़रने लगा हूँ मैं
नवाह-ए-जाँ में किसी के उतरना चाहा था
मैं एक बूँद समुंदर हुआ तो कैसे हुआ
लबों के सामने ख़ाली गिलास रखते हैं
ख़ूब निभेगी हम दोनों में मेरे जैसा तू भी है
कमी ज़रा सी अगर फ़ासले में आ जाए
कहीं सूरज कहीं ज़र्रा चमकता है
कहीं सूरज कहीं ज़र्रा चमकता है
कभी यक़ीं से हुई और कभी गुमाँ से हुई
कभी न सोचा था मैं ने उड़ान भरते हुए
कभी हरीफ़ कभी हम-नवा हमीं ठहरे
जो भी अंजाम हो आग़ाज़ किए देते हैं
जिस दिन से कोई ख़्वाहिश-ए-दुनिया नहीं रखता
हमारे साथ उमीद-ए-बहार तुम भी करो
दिन में भी हसरत-ए-महताब लिए फिरते हैं
देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा
दयार-ए-शब का मुक़द्दर ज़रूर चमकेगा