फ़राग़ रोहवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़राग़ रोहवी
नाम | फ़राग़ रोहवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faragh Rohvi |
जन्म की तारीख | 1956 |
जन्म स्थान | Kolkata |
उर्दू
स्कूल-टीचर
मेरी दादी
गुड़िया की शादी
एक रहें हम
कम्पयूटर
चिलड्रेंस-डे
चिड़िया-ख़ाना
ज़रा सी बात पे क्या क्या न खो दिया मैं ने
यारो हुदूद-ए-ग़म से गुज़रने लगा हूँ मैं
उसी तरफ़ है ज़माना भी आज महव-ए-सफ़र
तुम्हारा चेहरा तुम्हें हू-ब-हू दिखाऊँगा
सुना है अम्न-परस्तों का वो इलाक़ा है
न जाने कैसा समुंदर है इश्क़ का जिस में
न चाँद ने किया रौशन मुझे न सूरज ने
मुझ में है यही ऐब कि औरों की तरह मैं
मिरी मैली हथेली पर तो बचपन से
किसी ने राह का पत्थर हमीं को ठहराया
खुली न मुझ पे भी दीवानगी मिरी बरसों
ख़ूब निभेगी हम दोनों में मेरे जैसा तू भी है
कौन आता है अयादत के लिए देखें 'फ़राग़'
हम से तहज़ीब का दामन नहीं छोड़ा जाता
हमारे तन पे कोई क़ीमती क़बा न सही
इक दिन वो मेरे ऐब गिनाने लगा 'फ़राग़'
दिमाग़ अहल-ए-मोहब्बत का साथ देता नहीं
यारो हुदूद-ए-ग़म से गुज़रने लगा हूँ मैं
नवाह-ए-जाँ में किसी के उतरना चाहा था
मैं एक बूँद समुंदर हुआ तो कैसे हुआ
लबों के सामने ख़ाली गिलास रखते हैं
ख़ूब निभेगी हम दोनों में मेरे जैसा तू भी है