Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_141a63789cba21f1fc7630854f156251, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
क़तरा दरिया-ए-आश्नाई है - फ़ानी बदायुनी कविता - Darsaal

क़तरा दरिया-ए-आश्नाई है

क़तरा दरिया-ए-आश्नाई है

क्या तिरी शान-ए-किब्रियाई है

तेरी मर्ज़ी जो देख पाई है

ख़लिश-ए-दर्द की बन आई है

वहम को भी तिरा निशाँ न मिला

ना-रसाई सी ना-रसाई है

कौन दिल है जो दर्दमंद नहीं

क्या तिरे दर्द की ख़ुदाई है

जल्वा-ए-यार का भिकारी हूँ

शश-जिहत कासा-ए-गदाई है

मौत आती है तुम न आओगे

तुम न आए तो मौत आई है

बिछ गए राह-ए-यार में काँटे

किस को उज़्र-ए-बरहना-पाई है

तर्क-ए-उम्मीद बस की बात नहीं

वर्ना उम्मीद कब बर आई है

मुज़्दा-ए-जन्नत-ए-विसाल है मौत

ज़िंदगी महशर-ए-जुदाई है

आरज़ू फिर है दर-पा-ए-तदबीर

सई-ए-नाकाम की दुहाई है

मौत ही साथ दे तो दे 'फ़ानी'

उम्र को उज़्र-ए-बेवफ़ाई है

(1075) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Qatra Dariya-e-ashnai Hai In Hindi By Famous Poet Fani Badayuni. Qatra Dariya-e-ashnai Hai is written by Fani Badayuni. Complete Poem Qatra Dariya-e-ashnai Hai in Hindi by Fani Badayuni. Download free Qatra Dariya-e-ashnai Hai Poem for Youth in PDF. Qatra Dariya-e-ashnai Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Qatra Dariya-e-ashnai Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.