Bewafa Poetry of Fani Badayuni
नाम | फ़ानी बदायुनी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fani Badayuni |
जन्म की तारीख | 1879 |
मौत की तिथि | 1941 |
जन्म स्थान | Badayun |
रोज़-ए-जज़ा गिला तो क्या शुक्र-ए-सितम ही बन पड़ा
करम-ए-बे-हिसाब चाहा था
हिज्र में मुस्कुराए जा दिल में उसे तलाश कर
ज़बाँ मुद्दआ-आश्ना चाहता हूँ
याँ होश से बे-ज़ार हुआ भी नहीं जाता
वाहिमे की ये मश्क़-ए-पैहम क्या
वादी-ए-शौक़ में वारफ़्ता-ए-रफ़्तार हैं हम
सितम-ईजाद रहोगे सितम-ईजाद रहे
शबाब-ए-होश कि फ़िल-जुमला यादगार हुई
रह जाए या बला से ये जान रह न जाए
क़तरा दरिया-ए-आश्नाई है
मुझ को मिरे नसीब ने रोज़-ए-अज़ल से क्या दिया
लुत्फ़ ओ करम के पुतले हो अब क़हर ओ सितम का नाम नहीं
कूचा-ए-जानाँ में जा निकले जो ग़िल्माँ भूल कर
हर घड़ी इंक़लाब में गुज़री
गुज़र गया इंतिज़ार हद से ये वादा-ए-ना-तमाम कब तक
दिल की तरफ़ हिजाब-ए-तकल्लुफ़ उठा के देख
दैर में या हरम में गुज़रेगी
ऐ मौत तुझ पे उम्र-ए-अबद का मदार है
अब लब पे वो हंगामा-ए-फ़रियाद नहीं है