Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9bfa9c081f66547288d157a0e728d812, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी - फ़ना बुलंदशहरी कविता - Darsaal

किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी

किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी

मेरे ईमान का हासिल है मोहब्बत तेरी

जाने क्या बात है जल्वों में तिरे जान-ए-जहाँ

याद आता है ख़ुदा देख के सूरत तेरी

अब निगाहों में जचेगा न कोई रंग-ओ-जमाल

मेरी आँखों को पसंद आ गई रंगत तेरी

अपनी क़िस्मत पे फ़रिश्तों की तरह नाज़ करूँ

मुझ पे हो जाए अगर चश्म-ए-इनायत तेरी

हरम-ओ-दैर के जल्वों से मुझे क्या मतलब

शीशा-ए-दिल में उतर आई है सूरत तेरी

आस्ताने से तिरे सर न उठेगा मेरा

मुद्दआ' बन के मिली है मुझे निस्बत तेरी

मैं 'फ़ना' हो के पहुँच जाऊँगा तेरे दर तक

राह दिखलाने लगी मुझ को मोहब्बत तेरी

(2532) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kis Tarah ChhoD Dun Ai Yar Main Chahat Teri In Hindi By Famous Poet Fana Bulandshahri. Kis Tarah ChhoD Dun Ai Yar Main Chahat Teri is written by Fana Bulandshahri. Complete Poem Kis Tarah ChhoD Dun Ai Yar Main Chahat Teri in Hindi by Fana Bulandshahri. Download free Kis Tarah ChhoD Dun Ai Yar Main Chahat Teri Poem for Youth in PDF. Kis Tarah ChhoD Dun Ai Yar Main Chahat Teri is a Poem on Inspiration for young students. Share Kis Tarah ChhoD Dun Ai Yar Main Chahat Teri with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.