Ghazals of Fana Bulandshahri (page 2)
नाम | फ़ना बुलंदशहरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fana Bulandshahri |
ग़म-ए-दुनिया ग़म-ए-हस्ती ग़म-ए-उल्फ़त ग़म-ए-दिल
दुनिया के हर ख़याल से बेगाना कर दिया
दिल बुतों पे निसार करते हैं
बा-होश वही हैं दीवाने उल्फ़त में जो ऐसा करते हैं
अँधेरे लाख छा जाएँ उजाला कम नहीं होता
ऐ सनम तुझ को हम भुला न सके
ऐ सनम देर न कर अंजुमन-आरा हो जा
अब तसव्वुर में हरम है न सनम-ख़ाना है
आँखों में नमी आई चेहरे पे मलाल आया