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फ़ना बुलंदशहरी Ghazal In Hindi - Best फ़ना बुलंदशहरी Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Fana Bulandshahri

Ghazals of Fana Bulandshahri
नामफ़ना बुलंदशहरी
अंग्रेज़ी नामFana Bulandshahri

ये तमन्ना है कि इस तरह मुसलमाँ होता

वो और होंगे जिन को हरम की तलाश है

वो आश्ना-ए-मंज़िल-ए-इरफ़ाँ हुआ नहीं

उन के जल्वों पे हमा-वक़्त नज़र होती है

तुम हो शरीक-ए-ग़म तो मुझे कोई ग़म नहीं

तुझे ढूँढती हैं नज़रें मुझे इक झलक दिखा जा

तेरी नज़रों पे तसद्दुक़ आज अहल-ए-होश हैं

तेरे दर से न उठा हूँ न उठूँगा ऐ दोस्त

तिरा ग़म रहे सलामत यही मेरी ज़िंदगी है

निकले वो फूल बन के तिरे गुल्सिताँ से हम

न दहर में न हरम में जबीं झुकी होगी

मुझ को दुनिया के हर इक ग़म से छुड़ा रक्खा है

मिरी लौ लगी है तुझ से ग़म-ए-ज़िंदगी मिटा दे

मेरे रश्क-ए-क़मर तू ने पहली नज़र जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया

मिरे दाग़-ए-दिल वो चराग़ हैं नहीं निस्बतें जिन्हें शाम से

मक़ाम-ए-होश से गुज़रा मकाँ से ला-मकाँ पहुँचा

माइल-ब-करम मुझ पर हो जाएँ तो अच्छा हो

किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी

किस को सुनाऊँ हाल-ए-ग़म कोई ग़म-आश्ना नहीं

कहीं सुकूँ न मिला दिल को बज़्म-ए-यार के बा'द

काफ़िर-ए-इश्क़ को क्या से क्या कर दिया

जो मिटा है तेरे जमाल पर वो हर एक ग़म से गुज़र गया

जल्वा जो तिरे रुख़ का एहसास में ढल जाए

जब तक मिरी निगाह में तेरा जमाल है

जब तक मिरे होंटों पे तिरा नाम रहेगा

हुस्न-ए-बुताँ का इश्क़ मेरी जान हो गया

हरम है क्या चीज़ दैर क्या है किसी पे मेरी नज़र नहीं है

हर घड़ी पेश-ए-नज़र इश्क़ में क्या क्या न रहा

हाँ वही इश्क़-ओ-मोहब्बत की जिला होती है

है वज्ह कोई ख़ास मिरी आँख जो नम है

फ़ना बुलंदशहरी Ghazal in Hindi - Read famous फ़ना बुलंदशहरी Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet फ़ना बुलंदशहरी. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet फ़ना बुलंदशहरी. फ़ना बुलंदशहरी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.