मसीहा

ख़ुदा ने जब शिफ़ा तक़्सीम की सारे ज़माने में

तुम्हारी उँगलियों पर उस ने अपने हाथ से लिक्खा

किसी बीमार को छू लो

शिफ़ा उस का मुक़द्दर है

तुम हर बीमार को अपना समझते हो

मुदावा उस का करते हो

हर इक बीमार के चेहरे पे रौनक़ तुम से क़ाएम है

दुआ ईसाई की तुम को लग गई शायद

तुम्ही उम्मीद हो उस की

शिफ़ा हाथों पे तुम ने रब से लिखवा ली

मसीहा हो

डॉक्टर हैदर शीराज़ी के नाम

(1480) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Masiha In Hindi By Famous Poet Fakhira Batool. Masiha is written by Fakhira Batool. Complete Poem Masiha in Hindi by Fakhira Batool. Download free Masiha Poem for Youth in PDF. Masiha is a Poem on Inspiration for young students. Share Masiha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.